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बुधवार, 26 अगस्त 2020

नशीली वस्तुओं का शरीर पर कैसे और क्या प्रभाव पड़ता है?

         नशीली वस्तुओं का शरीर पर कैसे और क्या प्रभाव पड़ता है?

            How and what effect do drugs cause on the body?

नशीली वस्तुओं का शरीर पर कैसे और क्या प्रभाव पड़ता है?
नशीली वस्तुओं का शरीर पर कैसे और क्या प्रभाव पड़ता है?

 

शराब, बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, अफीम, गांजा, भांग, कोकीन, मॉर्फीन आदि का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि समाज के दूसरे लोगों के लिए भी घातक है। इन वस्तुओं के इस्तेमाल करने से शरीर पर बहुत बुरे प्रभाव पड़ते हैं। क्या तुम जानते हो कि ये नशीली वस्तुएं हमारे शरीर पर क्या-क्या प्रभाव डालती हैं?
 

तंबाकू का उपयोग आमतौर पर लोग बीड़ी, सिगरेट या हुक्का पीने के रूप में करते हैं। कुछ लोग तंबाकू को खाते भी हैं। तंबाक खाने से भी शरीर पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। तंबाकू चाहे खाई जाए या बीड़ी-सिगरेट के में पी जाए, हानिकारक ही होती है। तंबाक के निकोटिन (Nicotine) नाम का शक्तिशाली विष होता है। इसके अतिरिक्त 26 अन्य जहर होते हैं । यद्यपि इनकी पान काफी कम होती है, फिर भी यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। जब हम धूम्रपान करते हैं, तब धा के साथ निकोटिन की कुछ मात्रा हमारे रक्त द्वारा सोख ली जाती है। यही निकोटिन हमारी जाक और गले के अंदर उत्तेजना पैदा करता है। इससे हमें खांसी का रोग हो जाता है। धूम्रपान करने से रक्त दबाव (Blood Pressure) बढ जाता है। इससे दिल की धड़कन तेजी से चलने लगती है। धूम्रपान से शरीर के तापमान और रक्त-भ्रमण पर भी प्रभाव पड़ता है। हाल ही में किए गए अनुसंधानों से पता चला है कि धूम्रपान करने से फेफड़ों का कैंसर हो जाता है। यह भी सिद्ध किया जा चुका है कि धूम्रपान करने वालों की उम्र कम हो जाती है। धूम्रपान से हृदय-संबंधी रोग भी हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त बदहजमी, पेट का अल्सर और मुंह का कैंसर होने का भी डर रहता है। इन सब बातों के अतिरिक्त इस शौक में पैसा भी खर्च होता है। निकोटिन एक ऐसा पदार्थ है, जो धूम्रपान की आदत डाल देता है। कुछ दिनी बाद शरीर को इसकी आवश्यकता पड़ने लगती है।

शराब पीना भी हमारे लिए बहुत हानिकारक है।कुछ लोग सोचते हैं कि शराब पीने से आदमी चुस्त हो जाता है ,लेकिन वास्तव में शराब पीने से हमारे शरीर की सभी क्रियाएं मंद हो जाती हैं। शराब व्हिस्कीबी,बीयर या ब्रांडी किसी भी रूप में पी जाए, सभी रूपों में इसमें एल्कोहल होता है। यह एल्कोहल हमारे शरीर पर प्रभाव डालता है। जैसे ही एल्कोहल हमारे शरीर में पहुंचकर रक्त में मिलता है , तुरंत ही हमारे मस्तिष्क के कुछ क्षेत्रों पर प्रभाव डालता है। इसके बाद व्यक्ति को नशा होने लगता है। दष्टि में कमजोरीआ जाती है। किसी निर्णय पर पहुंचना मुश्किल जाता है। अधिक शराब पीने पर आदमी ऊलजलल बकने लगता है और बेहोश हो जाता है। शराब पीकर मोटर-गाड़ी चलाना, अपने लिए ही नहीं, बल्कि दूसरों के ना भी बहुत घातक सिद्ध होता है। शराब पीकर गाडी जलाने पर बहुत सी दुर्घटनाएं रोज ही होती हुई देखी जाती हैं। ऐसा देखा गया है कि पांच दुर्घटनाओं में से एक दुर्घटना शराब पिए हुए व्यक्ति द्वारा होती है। शराब पीने से मांसपेशियों पर पीने वाले का नियंत्रण कम हो जाता है। अधिक दिनों तक शराब पीने से जिगर(liver) की भयानक बीमारियां हो जाती हैं।


कुछ लोग दर्द तथा मानसिक तनाव से छुटकारा पाने के लिए तरह-तरह के नशे की गोलियां खाते रहते हैं। एल.एस.डी., अफीम, ब्राउन शुगर, गांजा, चरस, स्मैक आदि नशीली वस्तुओं का उपयोग करना, अपनी मौत को न्योता देना है। ये सभी स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक है। इनके प्रयोग से याददाश्त कमजोर हो जाती है। एक बार जब नशीली वस्तुओं को लेने की आदत बनजाती है, तब बहुत ही मुश्किल से छूटती है। अतः नशीली वस्तुओं के सेवन से हमें सदा ही बचना चाहिए।


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