कुछ खबरों के मुताबिक रूस के क्लीनिकल ट्रायल संघ (ACTO) के प्रमुख ने फिलहाल स्पूतनिक V का रजिस्ट्रेशन नहीं करने को कहा है. इसके मुताबिक क्लीनिकल ट्रायल आम तौर पर हज़ारों लोगों पर होता है जबकि रूस की वैक्सीन का ट्रायल सौ से भी कम लोगों पर हुआ है.
Russia's coronavirus vaccine: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने सुबह ऐलान किया कि दुनिया की पहली कोविड-19 वैक्सीन रूस में बनकर तैयार है और खुद राष्ट्रपति की बेटी ने पहली वैक्सीन का इंजेक्शन लिया और वह कारगर रहा. रूस ने इस वैक्सीन का नाम स्पूतनिक V रखा है. कहा जा रहा है कि रूस की 60 फीसदी आबादी को ये वैक्सीन दी जाएगी. स्वास्थ्यकर्मियों को भी ये वैक्सीन दी जाएगी. हालांकि क्लीनिकल ट्रायल का आखिरी दौर जारी रहेगा. रूस का कहना है कि उसे अभी ही इस वैक्सीन के लिए अंतरराष्ट्रीय तौर पर एक बिलियन (एक अरब) डोज़ की डिमांड मिल चुकी है. पांच सौ मिलियन डोज़ हर साल बनाने के करार भी हो चुके हैं.
हालांकि कुछ खबरों के मुताबिक रूस के क्लीनिकल ट्रायल संघ (ACTO) के प्रमुख ने फिलहाल स्पूतनिक V का रजिस्ट्रेशन नहीं करने को कहा है. इसके मुताबिक क्लीनिकल ट्रायल आम तौर पर हज़ारों लोगों पर होता है जबकि रूस की वैक्सीन का ट्रायल सौ से भी कम लोगों पर हुआ है. इन्होंने स्वास्थ मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर ये भी कहा है कि ये वैक्सीन अभी 'गोल्ड स्टैन्डर्ड' के मुताबिक नहीं है. पश्चिमी देशों में इस वैक्सीन को लेकर कई सवाल हैं लेकिन रूस पहले ही कह चुका है कि वह दूसरे देशों से इस पर सहयोग को तैयार है. इस बीच, भारत में जब स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस वार्ता में इस वैक्सीन के यहां इस्तेमाल पर सवाल पूछा गया तो बताया गया कि इस पर एक बैठक करके तय किया जाएगा.
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