How to Check the purity of Ghee in hindi?
शुद्ध घी की पहचान कैसे की जाती है?
भारत में लोग अपने दैनिक भोजन में दो प्रकार का घी प्रयोग करते हैं- पहला देशी और दूसरा वनस्पति घी। देशी घी वनस्पति घी की तुलना में महंगा होता है, इसलिए कुछ लोग इसमें वनस्पति घी की मिलावट कर देते हैं।
क्या आप जानते हो कि शुद्ध घी में मिलावट का कैसे पता लगाते हैं ? अगर नहीं , तो चलिए आज हम आपको बता ही देते हैं तो चलिए शुरू करते हैं :-
वनस्पति घी में गिलट (Nickel) के सूक्ष्म कण होते हैं। इन्हीं से असली घी की मिलावट का पता लगाया जाता है। शुद्ध घी में वनस्पति घी की मिलावट का पता करने के लिए हाइड्रोक्लोरिक अम्ल(hydrochloric acid) और अल्कोहल में तैयार किया हुआ 2% फरफराल
(Furfurol) का घोल प्रयोग में लाते हैं। ये दोनों पदार्थ बाजार में आसानी से मिल जाते हैं।
जिस घी की परख करनी होती है, उसे पहले पिघलाया जाता है। इसमें से 5 मिलीलीटर घी हम एक परखनली में ले लेते हैं। इसमें 5 मिलीलीटर हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डालते हैं और परखनली को थोड़ा सा हिलाते हैं। फिर परखनली में 5 बूंदें फरफराल की डालकर और कार्क लगाकर चार से पांच मिनट तक हिलाते हैं। परखनली को उल्टा-सीधा नहीं हिलाना चाहिए। जब ये तीनों द्रव एक साथ मिलते हैं, तब परखनली में धीरे-धीरे रंग गहरा होता जाता है। यदि परखनली में पड़े द्रवों का रंग हल्का गुलाबी (Light Pink) हो जाता है, तब समझो कि घी में वनस्पति घी को मिलावट है, अर्थात उसमें गिलट का अंश है। यदि घी रंग में कोई परिवर्तन नहीं होता, तब समझ लेना चाहिये कि घी शुद्ध अवस्था में है।
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