What is a lie detector?
John A. Larson
सन 1921 में कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय के जॉन ए. लारसन (John A. Larson) नामक विद्यार्थी ने
एक ऐसे यंत्र का निर्माण किया था, जो झूठ बोलने से होने वाले शारीरिक क्रियाओं के परिवर्तनों का लेखा-जोखा करके झूठ-सच का पता लगा लेता है। झूठ का पता लगाने वाले इस यंत्र को पोलिग्राफ (Polygraph) या लाई डिटेक्टर (Lie detector) कहते हैं। सन 1972 में अमेरिका के आविष्कारक अलान बेल(Allan Bell) ने इस लाई डिटेक्टर (Lie detector) का एक दूसरा सुधरा हुआ और उच्च स्तर का मॉडल विकसित किया। इसके द्वारा व्यक्ति की शारीरिक क्रियाओं में होने वाले सूक्ष्म परिवर्तन भी पकड़ में आ जाते हैं।
आमतौर पर इसका प्रयोग अपराधी की बातों से झूठ का पता लगाने के लिए किया जाता है। क्या तुम जानते हो कि यह यंत्र झूठ का पता कैसे लगाता है? झूठ बोलने पर मनुष्य की शारीरिक क्रियाओं में कुछ परिवर्तन होते हैं, जैसे झूठ बोलने पर आमतौर पर हृदय की धड़कन बढ़ जाती है, पसीना आने लगता है और रक्त का दबाव बढ़ जाता है। यह यंत्र इन्हीं सब परिवर्तनों का लेखा-जोखा करता है।
जब किसी अपराधी के झूठ और सच का परीक्षण करना होता है, तब इस यंत्र के अलग-अलग भागों को शरीर के अंगों के साथ जोड़ दिया जाता है। इसके बाद एक व्यक्ति परीक्षक के रूप में अपराधी से संबंधित प्रश्न पूछता है। इन प्रश्नों से होने वाले शारीरिक परिवर्तनों को यह यंत्र रिकॉर्ड करता जाता है। इसी रिकॉर्ड के आधार पर झूठ और सच का पता लगाया जाता है।
इस यंत्र के लगभग 80% परिणाम सही होते हैं।20% गलत भी हो सकते हैं। इस यंत्र की क्षमता परीक्षक के प्रश्नों की गहराई पर अधिक निर्भर करती है। इस यंत्र के द्वारा वे व्यक्ति पकड़ में नहीं आ सकते, जिन्हें इस बात का पता ही न हो कि वे झूठ बोल रहे हैं। कुछ अपराधी इतने चालाक होते हैं कि अपनी भावनाओं और शारीरिक क्रियाओं पर नियंत्रण कर लेते हैं। ऐसी स्थिति में यह यंत्र झूठ और सच का पता नहीं लगा सकता। यही कारण है कि अदालत में इस यंत्र के परिणामों को गवाही के रूप में स्वीकार नहीं किया जाता है।
(What is a lie detector?, What is a lie detector in hindi, Lie detector in hindi)
आपको ये आर्टिकल कैसा लगा कृपया कमेंट बॉक्स में जरूर (feedback)लिखे और इसमें क्या-क्या सुधार की जरूरत है ये भी लिखे , जिससे आपके लिए और भी बेहतर जानकारी उपलब्ध करा सकू। इसे सभी जगह शेयर करे जिससे कि सभी इससे लाभान्वित हो सके।
(नोट :- यदि आपको किसी भी टॉपिक के बारे में हिंदी में जानकारी चाहिए तो कमेंट बॉक्स में लिखे ,हम आपकी जिज्ञासा को शांत करने की पूरी कोशिश करेंगे )
धन्यवाद।
comment here...
जवाब देंहटाएं