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बुधवार, 30 जनवरी 2019

हमारी शक्ल हमारे माता पिता से क्यों मिलती है?

appearance come from our parents

एक बिल्ली से बिल्ली और चूहे से चूहा ही पैदा होता है। नीम के पेड़ पर आम नहीं लग सकते और आम के पेड़ पर अमरूद नहीं पैदा हो सकता। मनुष्य के बच्चे उनसे ही मिलते-जुलते पैदा होते हैं। यह एक सर्वविदित तथ्य है कि सभी जीवित प्राणियों की संतान अपने माता-पिता से मिलती-जुलती पैदा होती हैं। क्या तुम जानते हो कि ऐसा क्यों है?
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इन सभी प्रश्नों का उत्तर आनुवंशिकता या पैतृकता (Heredity) के अध्ययन से मिलता है। आनुवंशिकता विज्ञान की वह शाखा है, जिसमें हम उन कारणों का अध्ययन करते हैं, जिनके द्वारा माता-पिता और उनके बच्चों में समानताएं पैदा होती हैं। हम यह भी अध्ययन करते हैं। कि पैदा होने वाली संतान में अपने माता-पिता से क्या-क्या भिन्नताएं हो सकती हैं ? अपने पूर्वजों से मिलने वाली विशेषताओं का ही दूसरा नाम आनुवंशिकता है। जीवों में जो गुण होते हैं, वे उन्हें अपने माता-पिता से अत्यंत सूक्ष्म कणों के रूप में प्राप्त होते हैं। इन कणों को जीन्स (Genes) कहते हैं।
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जीन्स' शब्द का निर्माण सन 1909 में डेनिस के जीवशास्त्र के विशेषज्ञ  विल्हेम जॉनसन (Wilhelm Johanson 1857-1927) ने किया था। हमारी प्रत्येक कोशिका के नाभिक (Nucleus)में लगभग 20,000 जीन होते हैं। इनमें से लगभग 10,000 जीन मां से और 10,000 पिता से प्राप्त होते हैं। ये सभी 20,000 जीन और 46 क्रोमोसोमों में होते हैं और ये सभी क्रोमोसोम एक नाभिक के रूप में होते हैं, जिनका आकार लगभग .01 मिलीमीटर होता है। गर्भाधान के समय 23 क्रोमोसोम पिता से और 23 माता से प्राप्त होते हैं। इस प्रकार क्रोमोसोमों के 23 जोड़े बन जाते हैं। जीन ही आनुवंशिकता की मूल इकाई है।
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सभी पौधों और जीवों में कुछ जीन नर से और कुछ मादा से आते हैं। पौधों और जीवों के सभी गुण इन्हीं जीनों के कारण होते हैं। इन्हीं जीनों के कारण चूहे से चूहा और बिल्ली से बिल्ली पैदा होती है।आनुवंशिकता का अध्ययन करने वालों में आस्ट्रिया के | ईसाई पादरी और जीव विज्ञानी ग्रेगर जॉन मेंडल (Gregor John Mendel) का नाम सबसे पहले आता है। उन्होंने मटर के पौधों पर बहुत से प्रयोग करके आनुवंशिकता के कुछ नियम स्थापित किए। इन्हें मेंडल के नियम कहा जाता | है। उन्होंने यह सिद्ध कर दिखाया कि माता-पिता से प्राप्त  जीनों में जो गुण प्रधान होते हैं, वही गुण बच्चों में भी प्रधान होते हैं। उदाहरण के लिए यदि माता-पिता में से एक की आंखें भूरी हैं और दूसरे की नीली तो बच्चे की आंखें भूरी होगी, क्योंकि नीले रंग पर भूरे रंग की प्रधानता है। यदि माता-पिता दोनों की आंखें नीली हैं, तो बच्चे की भी आंखें नीली होंगी।
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 इसी प्रकार लंबे मां-बाप के बच्चे लंबे और ठिगने मां-बाप के बच्चे ठिगने ही होंगे। यदि कोई पौधा या जानवर दो तरह के जीन आनुवंशिकता द्वारा प्राप्त करता है, तब दोनों के मिलने से तीसरी विशेषता पैदा होती है। लाल गाय और सफेद साड़ से पैदा होने वाले बछड़े का रंग न तो लाल होगा न सफेद, बल्कि दोनों के बीच का होगा। | आनुवंशिकता के ज्ञान के आधार पर आज के वैज्ञानिक ऐसे पौधे और जानवर पैदा करने में समर्थ हुए हैं, जो हमारी आवश्यकताओं को अधिक अच्छी तरह पूरी करते हैं। संकर (Hybrid) मक्का का उत्पादन इसी आधार पर किया गया है।
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 कभी-कभी पौधों और जानवरों में परिवर्तन भी हो जाते हैं। ये परिवर्तन आमतौर पर वातावरण और जीनों के कारण होते हैं।आनुवंशिकता के विषय में अभी बहुत से ऐसे रहस्य हैं, जिन्हें अभी तक कोई नहीं जान पाया है।आज के बहुत से वैज्ञानिक आनुवंशिकता के इन रहस्यों की गुत्थी सुलझाने में लगे हैं।



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