सिकंदर महान अपनी मृत्यु के सैकड़ों वर्ष बाद भी आज विश्व के महान विजेताओं में गिना जाता है। यह वीर सेनापति और सम्राट दो हजार वर्ष पूर्व बेबीलोन (जो अब इराक में है) में 33 वर्ष की उम्र में एक विशाल साम्राज्य स्थापित करने के बाद मर गया, लेकिन आज भी उसकी वीरता और क्रूरता की कहानियां यूरोप और एशिया में बड़ी रुचि से सुनी और सुनाई जाती हैं।सिकंदर का राज्य, जो यूनान से लेकर भारत तक फैला हुआ था, उसकी मृत्यु के बाद समाप्त हो गया, लेकिन उसके द्वारा बसाए गए शहर आज भी मौजूद हैं। माना जाता है कि उसने अपने छोटे से जीवनकाल में 70 शहर बसाए थे। कहते हैं कि जब सिकंदर 14 वर्ष का था तब उसने ब्यूसेफेलस नाम के एक जंगली घोड़े को काबू में किया था। इस घोड़े को कोई भी व्यक्ति सिकंदर में महान सैन्य प्रतिभा थी। काबू में नहीं कर पाया था। जीवन भर सिकंदर महान ने इसी घोड़े पर सभी युद्ध लड़े। यह घोड़ा भारत में होने वाली एक लड़ाई में मारा गया। उसी के नाम पर सिकंदर ने वहां एक शहर बसाया।
सिकंदर के पिता फिलिप (Philip) ईसा से 359 वर्ष पूर्व मेसेडोनिया के राजा बने। उन्होंने अपनी एक सेना बनाई और यूनान के दुश्मन पर्शिया पर हमला करने की योजना बनाई, लेकिन ईसा से 336 वर्ष पूर्व ही उनकी हत्या कर दी गई। उनकी मृत्यु के बाद 20 वर्ष का सिकंदर वहां का राजा बन गया।सिकंदर ने युद्धकला अपने पिता से सीखी थी और शिक्षा उस समय के महान दार्शनिक अरस्तू से प्राप्त की थी। | फिलिप की मृत्यु के बाद उसके राज्य में अराजकता फैल गई। सिकंदर ने इस झगड़े को कुछ ही दिनों में शांत कर दिया। उसने ईसा से 334 वर्ष पूर्व पशिया के साम्राज्य |पर हमला कर दिया। वहां उसने दो युद्ध किए और दोनों में ही विजय प्राप्त की। वह युद्धकला में बहुत ही निपुण था। वह बहुत ही निर्भीक था।
फारस पर विजय प्राप्त करने के बाद उसने मिस्र पर आक्रमण किया। मिस्र पर विजय प्राप्त करके उसने नील नदी के मुहाने पर अपने नाम से अलेक्जैन्ड्रिया (Alexandria) नामक शहर बसाया।जब सिकंदर एशिया माइनर में घुसा तब उसे गोरडियस राजा का रथ दिखाया गया। उसे बताया गया कि जो व्यक्ति इस रथ को बांधने वाली गांठ को काटेगा, वह सारे संसार पर राज्य करेगा। सिकंदर ने एक तलवार से उस गांठ के दो टुकड़े कर दिए। अब तक वह मेसेडोनिया, यूनान, मिस्र, फारस और एशिया पर विजय प्राप्त कर चुका था। अगले . वर्षों तक उसकी फौजें आगे बढ़ती गईं। उसनेअफगानिस्तान, हिन्दुकुश, समरकंद, ताशकंद और खैबर पास तक अपना अधिकार जमा लिया था।एशिया में प्रवेश करने के बाद उसका जीवन विलासिता की ओर जाने लगा था।
उसने रोक्साना (Roxana) नाम की राजकुमारी से शादी कर ली। इसके बाद उत्तरी-पश्चिमी भारत में उसका पोरस के साथ युद्ध हुआ। इस लड़ाई में सिकंदर यद्यपि जीत गया, लेकिन भारतीय सिपाहियों की वीरता को देखकर उसके सिपाहियों के हौंसले पस्त हो गए। अब वह गंगा के मैदान की ओर जाना चाहता था, लेकिन उसके सिपाहियों ने व्यास नदी से आगे बढ़ने से इंकार कर दिया। सिपाहियों को अपना घर छोड़े 8 वर्ष हो गए थे।
सिकंदर ने बहुत कोशिश की, लेकिन सिपाही आगे न बढ़े।आखिर उसने अपने देश की ओर वापस प्रस्थान कर दिया। रास्ते में उसे तेज बुखार हो गया और ईसा से 323 वर्ष पूर्व 13 जून को उसकी मृत्यु हो गई।
यद्यपि सिकंदर केवल 33 वर्ष जीवित रहा, फिर भी उसने एक विशाल साम्राज्य की स्थापना करने में सफलता प्राप्त की। यही नहीं, उसने अपने जीते हुए राज्यों में यूनान और मेकिडोनियन संस्कृति का प्रवेश और
प्रभाव बढ़ाने का श्रेय भी प्राप्त किया।
(Who was Alexander the Great?, Alexander the Great in hindi.)
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